एहसास -ए-मुफ़लिसी एहसास-ए-मुफ़लिसी सबसे बड़ा ग़म है गरीब का । यारब किसी इंसान को इंसान का मोहताज न बनाए ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद