एहसान
यूं बात कर के तुम मुझ पर एहसान क्यों करते हो
जमाने का सोच के अपने आप को परेशान क्यो करते हो
तुम्हे तो पता है मुझे किस कदर इश्क है तुम से
और मुझे यह भी खबर है कि तुम मुझ पे नहीं मरते हो
यूं बात कर के तुम मुझ पे एहसान क्यों करते हो
अरे नहीं महोब्बत तो ना सही
फिर कभी कभी बात कर के तुम अपना प्यार खैरात क्यों करते हो
यूं बात कर के तुम मुझ पे एहसान क्यों करते हो
क्या सोचते हो तुम मुझे कुछ खबर नहीं
पता है महोब्बत में डगमगाने की कशमकश से डरते हो
यूं बात कर के तुम मुझ पे एहसान क्यों करते हो
फुरसत में कभी मिलो और बताओ मुझे
क्या मुझे याद कर के तुम भी आहें भरते हो
यूं बात कर के तुम मुझ पे एहसान क्यों करते हो
जमाने का सोच के तुम अपने आप को परेशान क्यो करते हो