एहतराम करते है।
फरिश्ते भी उसका एहतराम करते है।
ये जिंदगी जो दूसरों के नाम करते है।।1।।
जाने कैसा जादू है इश्क मोहब्बत में।
यादों मे हम तेरी सुबह शाम रहते है।।2।।
खुदाने जो दिया उसमे खुश रहते है।
मुकम्मल हम अपना ईमान रखते है।।3।।
गर कोई गलत बात करदे वतन पर।
फिरतो परवाह ना अन्जाम करते है।।4।।
अब ख्वाहिशें भी कातिल हो गई है।
हर जिंदगी में खूने निशान मिलते है।।5।।
कोई क्या जाने तूफानों के आने पर।
ये परिंदों फिर कहां मकाम करते है।।6।।
खाना बदोश जिन्दगी बशर करते है।
बंजारों के ना अपने मकान रहते है।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ