एहतमामें कुर्बानी
कुर्बानी कोई रश्म नहीं बल्कि इबादत है और इबादत अल्लाह के रज़ा के लिए करनी चाहिए न की दिखावा के लिए।
क्या दोसरो को तकलीफ दे कर हमारी इबादत कुबूल होगी हमे ज़रूर सोचनी चाहिए।अल्लाह पाक ने हमे इस्लाम अमन कायम करने के लिए दिया है न की नफरत फैलाने के लिए।इसलिए हमे चाहिए कि हम क़ुरबानी बड़े एहतमाम और अदब के साथ करे ।परदे के माकूल इनतजाम को लाजिम करे और क़ुरबानी के जानवर का फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर बिलकुल शेयर न करे।
आप का भाई आदिल बलियावी।