एल्मिनेशन का खौफ
कभी इंडियन आइडल ,कभी सारेगामापा ,
और कभी सुपर स्टार सिंगर प्रतियोगिताएं ।
कलाकार चुनने के नाम पर देते नन्हे बच्चों को ,
कैसी कैसी मानसिक और हार्दिक यातनाएं ।
अति उत्तम कलाकार का चुनाव तो है ढकोसला ,
अन्यथा इसमें छुपी है आयोजकों की दुर्भावनायें ।
गरीब और मामूली घरों से आए नन्हे फरिश्ते ,
अपमान का घूंट पी कर रह जाते भरते सिसकियां ।
ना जाने किन हालातों से लड़ते झुझते पहुंचते हैं ,
कितनी मुश्किल से खर्चा करते जोड़ जोड़ पाइयां।
उसपर इन प्रतियोगिताओं के जटिल पायदान उफ्फ!
हर कदम पर “एल्मिनेशन’का डर पैदा करे दुश्वारियां।
बच्चों और इनके प्रियजनों की जान रहती सांसत में ,
यही सोचकर के यदि हार गए तो होगी जग हंसाईयां।
यह नामी गिरामी प्रायोजक ,आयोजक सर्व समर्थ ,
क्या समझ सकते है इन बेबस लोगो की मजबूरियां ?
आखिर सब कुछ करने के बाद भी मेहनत निष्फल ,
अथक प्रयासों के बावजूद खा गया कोई मलाइयां ।
बाहर का रास्ता दिखाने को नाम दिया एलिमिनेशन ,
किसी मासूम को बेइज्जत करने की ये कार गुजारियां
अभिभावकों ! यदि करते हो अपने बच्चों से प्यार ,
तो इनकी कला और मनोबल को दो ऊंचाइयां ।
सिर्फ यही प्रतियोगिताएं कोई बहुत बड़ा मंच नहीं ,
खोल रखी उन के लिए तकदीर ने दरवाजे खिड़कियां
बस ! इनको बेखौफ उड़ने दो ,तोड़ के है वर्जनाएं।
उनको मुकाम तक पहुंचाएगी उनकी बेपरवाहियां ।
मगर इन जालिम प्रतियोगिताओं में शामिल न होना ,
लूट लेते आपका आत्म सम्मान करके मीठी मीठी बत्तियां ।
बांधते है तारीफों के पूल और चने के झाड़ पर चढ़ाते,
मगर फिर अचानक कुठारघाट यही इनकी बेइमानियां