एतबार
उन्होंने हमें ज़ख्म दिए ,मगर इससे उन्हें है इनकार ,
दिखाए सीना चीर कर तो क्या वोह करेंगे इतबार ,
धोखे बाज़ी है जिनकी फितरत आता है जिन्हें पीठ पर छुरा घोंपना ,
ऐ मेरे प्यारे वतन ! मत कर ऐसे पडोसी से प्यार .
उन्होंने हमें ज़ख्म दिए ,मगर इससे उन्हें है इनकार ,
दिखाए सीना चीर कर तो क्या वोह करेंगे इतबार ,
धोखे बाज़ी है जिनकी फितरत आता है जिन्हें पीठ पर छुरा घोंपना ,
ऐ मेरे प्यारे वतन ! मत कर ऐसे पडोसी से प्यार .