एडमिन की विवशता पर जलहरण
बोलते हमेशा यही
लिखते नहीं हो सही
चले जाओ और कहीं
ग्रुप मेरा छोड़कर।।
आपद ने आज घेरा
सर न खपाओ मेरा
अपना हटाओ डेरा
सारे नाते तोड़ कर।।
मैंने गले लगा लिया
खुद को ही दगा दिया
मैंने ही तो बला लिया
तुम्हे यहाँ जोड़ कर।।
कहते मुझे हैं सब
तुमको बचाये रब
मुँह न दिखाओ अब
चले जाओ मोड़ कर।।