Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#23 Trending Author
*प्रणय*
71 Followers
Follow
Report this post
10 Nov 2023 · 1 min read
#एक_सबक़-
#एक_सबक़-
■ इसीलिए कहते हैं कि “नामकरण” संस्कार है। सोच-विचार कर ही करना चाहिए।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 144 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
Nazir Nazar
"खामोशी की गहराईयों में"
Pushpraj Anant
होर्डिंग्स
अंकित आजाद गुप्ता
3204.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
वक्त की मार
Sakshi Singh
दायरा इंसानियत का ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
दुविधा में हूँ
Usha Gupta
समय
Neeraj Agarwal
#लघुकविता- (चेहरा)
*प्रणय*
नित जीवन के संघर्षों से
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
তার চেয়ে বেশি
Otteri Selvakumar
*मीठे बोल*
Poonam Matia
रहने दो...
Vivek Pandey
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
Atul "Krishn"
"आज का दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
sushil sarna
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
कभी कभी एक पल
Mamta Rani
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Dekho Bander bantta
विनोद सिल्ला
अब तुझे जागना होगा।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*अंगूर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
छोटी सी जिंदगी
Surinder blackpen
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
कोई बात नहीं, अभी भी है बुरे
gurudeenverma198
दिल को किसी के रंग में...
आकाश महेशपुरी
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
*मानव शरीर*
Dushyant Kumar
Loading...