#एक_शेर
#एक_शेर
■ मुल्क़ की हक़ीक़त पर।
“वो फटेहाल हों
नाराज़ नहीं हो सकते।
मुतमइन लोग
दग़ाबाज़ नहीं हो सकते।।”
■प्रणय प्रभात■
#एक_शेर
■ मुल्क़ की हक़ीक़त पर।
“वो फटेहाल हों
नाराज़ नहीं हो सकते।
मुतमइन लोग
दग़ाबाज़ नहीं हो सकते।।”
■प्रणय प्रभात■