#एक_गजल
#एक_ग़ज़ल
■ कौन लिखे पानी पर पानी ..?
【प्रणय प्रभात】
★ प्यार मुहब्बत सब बेमानी।
कोन लिखे पानी पर पानी?
★ गर्म तवे पर जल की बूंदें,
यौवन की है यही कहानी।
★ बालिग़ सच की कब माने है,
नाबालिग़ हसरत दीवानी?
★ दो नैनों की इक भाषा थी,
दिल ने समझी दिल ने जानी।
★ नादानों की बस्ती है यह,
क्या चिंता इक बात न मानी।
★ वशीकरण या जादू-टोना,
कोई नहीं बोली का सानी।
★ गुस्ताखी है अदा ज़हन की,
दिल बस करता है नादानी।