एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
दूसरी जेनरेशन को जज कर रही है
और एक जेनरेशन दूसरी जेनरेशन को के रही है आपको कुछ नही आता है,वक्त बदल गया है। दोनो एक दूसरे के वक्त और व्यक्तित्व को समझे बिना
एक दूसरे के क्षमता और अनुभव को अपने अपने संघर्ष से जज कर रहे है । अगर ऐसा रहेगा ना घर में तालमेल होगा ना समाज में।
समय की नजाकत और जीवन के हर उम्र के ज्ञान और अनुभवको साथ मिलकर सुनकर समझ कर साथ रहना चलना सुनना समझना होगा वक्त अनुभव और क्षमता को बिना जज किए व्यक्ति को। तभी तालमेल घर में और समझ में हर पीढ़ी में और हर पीढ़ी के साथ संभव है।
आज कल।पीढ़ियों के बीच में संवाद समझ और भावना को समझ को रिक्तता बहुत गेंहरी होती जा है। क्योंकि दोनो पीढ़ी को अपने अनुभव का अहम है , एक पीढ़ी कह रही है तुमको कुछ नही आता और एक पीढ़ी कह रहे है अपने उमर में किए संघर्ष और मेहनत के ताने और जज करना।