मंज़िल पाने के लिए जिंदगी का ज़हर भी घुंट बनाकर पीना पड़ता ह
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
याद करने पर याद करता है ,
शब्द अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
पूरी ज़िंदगी भर तन्हा रहना एक जबरदस्त नशा है,
*नारियों को आजकल, खुद से कमाना आ गया (हिंदी गजल/ गीतिका)*
जमाने को मौका चाहिये ✨️ दोगे तो कतरे जाओगे
क्या रावण अभी भी जिन्दा है
दिए जलाओ प्यार के
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त