ताई आले कावड ल्यावां-डाक कावड़िया
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
*जीवन का सार यही जानो, कल एक अधूरा सपना है (राधेश्यामी छंद )
मन की मनमानी से हारे,हम सब जग में बेचारे।
जाने क्या हो गया बस एक ही मुलाकात में
दुखड़े छुपाकर आ गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम।
महिलाओं का नेतृत्व और शासन सत्ता की बागडोर
मै अकेला न था राह था साथ मे