एक
बेटियां होती सब एक सी,
जाति धर्म की खटास इन पर क्यों आजमाते हो
क्या इतने नामर्द हो गये जो इन पर
दरिंदगी अपनी, दिखलाते हो
बेटियां होती सब एक सी,
जाति धर्म की खटास इन पर क्यों आजमाते हो
क्या इतने नामर्द हो गये जो इन पर
दरिंदगी अपनी, दिखलाते हो