एक ख़्वाहिश
लबों को चूम लूँ तेरे,गले तुमको लगा लूँ मैं।
अलख ये प्रेम की जानम,जरा दिल में जगा लूँ मैं।
दरस अपना मुझे दे दो, नहीं अब दूर जाओ तुम-
बदन के नूर से तेरे, दिये सा जगमगा लूँ मैं।
लबों को चूम लूँ तेरे,गले तुमको लगा लूँ मैं।
अलख ये प्रेम की जानम,जरा दिल में जगा लूँ मैं।
दरस अपना मुझे दे दो, नहीं अब दूर जाओ तुम-
बदन के नूर से तेरे, दिये सा जगमगा लूँ मैं।