Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2021 · 1 min read

एक है अनमोल दौलत जिसको कहते प्यार है।

गज़ल
काफ़िया- आर
रद़ीफ- है
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
2122…..2122……2122…..212

जर ज़मीं शोहरत व दौलत ये सभी बेकार है।
एक है अनमोल दौलत जिसको कहते प्यार है।

छोड़ दो नफरत जलन औ दुश्मनी ये दोस्तो,
दूर खुशियाँ होंगी ये दुख दर्द का भंडार है।

कर मिलावट दूसरों को मौत जो हैं बाटते,
नर्क के भागी बनेंगे कैसा ये व्यापार है।

देश के खातिर अगर काम आये मेरी जिंदगी,
तन व मन सब है समर्पण मौत भी स्वीकार है।

जिंदगी में सीखो चढ़ना मित्रता की सीढियां,
जिसके जितने दोस्त उसने उतना पाया प्यार है।

जो बहन बेटी को इज्ज़त दे गरीबों की कहे,
ईश्वर का रूप है औ सच में वो दमदार है।

प्यार लेना प्यार देना सीख लो प्रेमी अभी,
प्यार से जो दूर है वो जिंदगी बेकार है।

……..✍️ प्रेमी

139 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
अगर अपने ही लोग आपको पसंद नही करते है तो समझिए आपने उनसे बहु
अगर अपने ही लोग आपको पसंद नही करते है तो समझिए आपने उनसे बहु
Rj Anand Prajapati
उस देश का रहने वाला हूं
उस देश का रहने वाला हूं
राकेश पाठक कठारा
सृष्टि की रचना हैं
सृष्टि की रचना हैं
Ajit Kumar "Karn"
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गोमुख
गोमुख
D.N. Jha
क्रांति की बात ही ना करो
क्रांति की बात ही ना करो
Rohit yadav
*यादें प्रियतम की*
*यादें प्रियतम की*
Krishna Manshi
*An Awakening*
*An Awakening*
Poonam Matia
दोस्ती का रिश्ता
दोस्ती का रिश्ता
विजय कुमार अग्रवाल
इश्क
इश्क
Karuna Bhalla
ढोंगी देता ज्ञान का,
ढोंगी देता ज्ञान का,
sushil sarna
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
#मुरकियाँ
#मुरकियाँ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कहानी
कहानी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*कोई भी ना सुखी*
*कोई भी ना सुखी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शुभ
शुभ
*प्रणय*
कविता
कविता
Rambali Mishra
चार बजे
चार बजे
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
2738. *पूर्णिका*
2738. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आ जा अब तो शाम का मंज़र भी धुँधला हो गया
आ जा अब तो शाम का मंज़र भी धुँधला हो गया
Sandeep Thakur
"विश्वास का दायरा"
Dr. Kishan tandon kranti
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
कवि रमेशराज
मेरा तकिया
मेरा तकिया
Madhu Shah
मेह
मेह
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हालात हैं सुधरते,,,, गज़ल
हालात हैं सुधरते,,,, गज़ल
Sarla Mehta
कभी भ्रम में मत जाना।
कभी भ्रम में मत जाना।
surenderpal vaidya
Loading...