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21 Jul 2021 · 1 min read

एक ही शहर में

एक ही शहर में

जम कर बरसा पानी
बरसात की फुहार
महल को भायी
झुग्गी को रास न आयी

महल में
मालिक-मालकिन-बच्चे
व नौकर खूब नहाए
कागज की नाव
चली भर के चाव
लगे ठहाके
लगी किलकारियां
बने गर्मागर्म पकवान

झुग्गी में पसरा मातम
पूरा परिवार
झुग्गी से बाहर
कोई पानी निकाले
कोई छत ठीक करे
रात का भोजन
सबसे बड़ी समस्या

एक ही शहर में
दो प्रकार के शहरी
सरकार की
नाक के नीचे

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 295 Views
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