Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2023 · 2 min read

एक ही भूल

काम्या आज बहुत दुखी थी आज सुबह सुबह फिर से उसकी केतन से कहासुनी हुई थी, ये तो अब आम बात हो गई थी। किसी न किसी बात पर उनके बीच आए दिन झगड़े होते रहते थे लेकिन फिर भी वो अब हालात से समझौता करते हुए चुपचाप बिना किसी से कुछ कहे जिन्दगी बीता रही थी।

इन सब की शुरुआत हुई थी उसकी ही एक गलती की वजह से, जिसका अंदाजा उसे बाद में हुआ। जब केतन अपने फैमिली के साथ उसके यहां रिश्ता लेकर आया था तब उसे काम्या बहुत पसंद आई थी और उसके बाद से उनके बीच फोन पर बातचीत शुरू हो गई थी।

बातचीत तक ही अगर ये सिलसिला चलता रहा होता तो अच्छा था, लेकिन फोन पर बातचीत का ये सिलसिला अब धीरे धीरे अब मिलने जुलने तक पहुंचने लगा था और दो चार बार बाहर कैफे गार्डन में मिलने के बाद अब एक दिन काम्या ने उसे घर में भी बुला लिया।

उस दिन काम्या के घर पर कोई भी नहीं था क्योंकि काम्या की मम्मी उसके छोटे भाई को लेकर अपने मायके किसी कार्यक्रम में शामिल होने गई थी और आज की रात वो अपने घर पर अकेली थी।

अकेले रह पाने की बात पर काम्या ने कह दिया था कि वो अपनी सहेली को बुला लेगी और दोनों रह लेंगे। जैसे ही मम्मी गई काम्या ने केतन को अपने घर बुला लिया और उसके बाद वही हुआ जिसका डर था।

काम्या और केतन घर में अकेले थे और ऐसे में दो जवां जिस्म एक दूसरे से दूर कब तक रह सकते थे, केतन ने शुरुआत करने की कोशिश की लेकिन काम्या ने उसे मना करने की कोशिश की और कहा शादी से पहले नहीं। इस पर केतन ने कहा शादी भी हमारी अब होनी ही है तो क्यों डरना, इस पर काम्या ने अब हामी भरी और खुद को उसकी बाहों में सौंप दिया था। उसके बाद काम्या और केतन ने अपनी सारी हदें उस दिन लांघ दी थी।

यही एक भूल उसके जीवन की सबसे बड़ी गलती साबित हुई थी, क्योंकि इस घटना के बाद से केतन के हाव भाव थोड़े बदले हुए लगने लगे। अब शादी तो उसने कर ली थी लेकिन बात बात पर काम्या के कैरेक्टर को लेकर कमेन्ट किया करता था कि उसके और भी कहीं रिलेशन रहे होंगे, काम्या बहुत सफाई देती लेकिन वो नहीं मानता, उसका तर्क होता जो लड़की शादी से पहले खुद को किसी के लिए समर्पित कर सकती है वो किसी और से भी कुछ तो कर ही सकती है।

केतन के इस तरह के बेफिजूल इलजाम सुनकर काम्या का मन ग्लानि से भर जाता और वो अपनी उस एक गलती को याद करते हुए पछताती रहती। अब वो कर भी क्या सकती थी और अपनी उस एक ही भूल की सजा उसे पूरे जीवन भर मिलने वाली थी।

✍️मुकेश कुमार सोनकर “सोनकर जी”
रायपुर छत्तीसगढ़ मो.नं.9827597473

1 Like · 378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
महापुरुषों की सीख
महापुरुषों की सीख
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मन की प्रीत
मन की प्रीत
भरत कुमार सोलंकी
सच्ची मोहब्बत भी यूं मुस्कुरा उठी,
सच्ची मोहब्बत भी यूं मुस्कुरा उठी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
I don't listen the people
I don't listen the people
VINOD CHAUHAN
ढूँढ़   रहे   शमशान  यहाँ,   मृतदेह    पड़ा    भरपूर  मुरारी
ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी
संजीव शुक्ल 'सचिन'
उम्र ढली  तो ही जाना, महत्व  जोबन का।
उम्र ढली तो ही जाना, महत्व जोबन का।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"फल की आस मत रखें"
Ajit Kumar "Karn"
फितरत आपकी जैसी भी हो
फितरत आपकी जैसी भी हो
Arjun Bhaskar
शहर के लोग
शहर के लोग
Madhuyanka Raj
★ किताबें दीपक की★
★ किताबें दीपक की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
இவன்தான் மனிதன்!!!
இவன்தான் மனிதன்!!!
Otteri Selvakumar
"भटकाव के बाद हासिल ठहराव सुक़ून देता ही है।"
*प्रणय*
रिश्ता
रिश्ता
Santosh Shrivastava
3269.*पूर्णिका*
3269.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
Shweta Soni
*पुस्तक (बाल कविता)*
*पुस्तक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
पूस की रात।
पूस की रात।
Anil Mishra Prahari
हम कहां थे कहां चले आए।
हम कहां थे कहां चले आए।
जय लगन कुमार हैप्पी
मर्यादाएँ टूटतीं, भाषा भी अश्लील।
मर्यादाएँ टूटतीं, भाषा भी अश्लील।
Arvind trivedi
बीती यादें
बीती यादें
Shyam Sundar Subramanian
छठ पूजन
छठ पूजन
surenderpal vaidya
पुरखों की याद🙏🙏
पुरखों की याद🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सच्चा प्यार
सच्चा प्यार
Mukesh Kumar Sonkar
सब कुछ तोड़ देना बहुत ही आसान होता है। ♥️
सब कुछ तोड़ देना बहुत ही आसान होता है। ♥️
पूर्वार्थ
“ जीवन साथी”
“ जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
रक्षा बंधन पर्व
रक्षा बंधन पर्व
Neeraj kumar Soni
" खुशी "
Dr. Kishan tandon kranti
ग्रीष्म
ग्रीष्म
Kumud Srivastava
राम बनो, साकार बनो
राम बनो, साकार बनो
Sanjay ' शून्य'
कई वर्षों से ठीक से होली अब तक खेला नहीं हूं मैं /लवकुश यादव
कई वर्षों से ठीक से होली अब तक खेला नहीं हूं मैं /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
Loading...