एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी हों ननद हो व अन्य रिश्ते जुड़े हों
अगर वह खुद को नहीं जानतीं तो वो ख़ाक किसी स्त्री की शरीर मन और भावनाओं को समझ सकतीं हैं
– पंकज कुमार