एक सैनिक की “अभिलाषा”
चाहत यही है मेरी,की कभी भी
मैं कायर ना कह लाऊ।
चाहे सर कट जाए मेरा,
या वतन के लिए मर मिट जाऊं।।
जब कोई हमे सेल्यूट कर जाता,
गर्व से सीना चौड़ा हो जाता।
सरहद पर डटे रहैं हम,
दुश्मन को में मार भगाऊ।।
अमन शांति हो देश में मेरे,
कोई इसको आखँ न दिखाएं।
विश्वास हो मुझ पर मेरे वतन को,
मैं सब का भरोसा जीत जाऊ।।
सामना हो मेरा दुश्मनों से,
छुपकर में मैं वार ना खाऊ।
डटकर मुकाबला करूं मैं,
दुश्मन की आंख से आंख मिलाऊ।।
मौत आए तो सामने से आए,
कायर कोई पीछे से हमला कर जाए।
लड़ना चाहता हूं मैं दुश्मन से,
मौत आए तो बहादुरी वाली मौत मर जाऊं।।
भारत माता की गोद में समा जाऊ,
मिट्टी में मिट्टी बन मिल जाऊ।
याद रखे हमेशा जग वाले,
भारत के इतिहास में मै शहीद कह लाऊ।।
?भारत माता की जय?