Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2021 · 1 min read

एक सती सी

मन की
अनियमित गति
आग की लपटों में लिपटी
एक सती सी
यह जिंदा नहीं
एक मृत आत्मा के ही
समान है
चलता फिरता
एक शरीर लिए
सांसे चल रही हैं पर
इस लय की
झंकार है
एक वीरान जंगल के
स्थिर पोखर के जल के समान
अतृप्त सी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
आखिर कब तक ऐसा होगा???
आखिर कब तक ऐसा होगा???
Anamika Tiwari 'annpurna '
🙅आज की बात🙅
🙅आज की बात🙅
*प्रणय*
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
* भावना स्नेह की *
* भावना स्नेह की *
surenderpal vaidya
सारे गिले-शिकवे भुलाकर...
सारे गिले-शिकवे भुलाकर...
Ajit Kumar "Karn"
एक चतुर नार
एक चतुर नार
लक्ष्मी सिंह
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
दीपक झा रुद्रा
आपके सत्कर्मों से आपकी प्रभा, आभा बनकर आपके बाद प्रकाशित रहे
आपके सत्कर्मों से आपकी प्रभा, आभा बनकर आपके बाद प्रकाशित रहे
Sanjay ' शून्य'
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
Rituraj shivem verma
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
कवि दीपक बवेजा
पलटे नहीं थे हमने
पलटे नहीं थे हमने
Dr fauzia Naseem shad
कोई अवतार ना आएगा
कोई अवतार ना आएगा
Mahesh Ojha
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
पूर्वार्थ
"कलम रुक गई मेरी"
Dr. Kishan tandon kranti
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें
धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें
©️ दामिनी नारायण सिंह
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
3660.💐 *पूर्णिका* 💐
3660.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
Taj Mohammad
हारा हूं,पर मातम नहीं मनाऊंगा
हारा हूं,पर मातम नहीं मनाऊंगा
Keshav kishor Kumar
कवि को क्या लेना देना है !
कवि को क्या लेना देना है !
Ramswaroop Dinkar
*झरता अमृत विशेष है, शरद पूर्णिमा रात (कुंडलिया)*
*झरता अमृत विशेष है, शरद पूर्णिमा रात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बस जला दिया जाता है मोहब्बत में दिल को भी,
बस जला दिया जाता है मोहब्बत में दिल को भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Topnhacai
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
Jitendra kumar
पहचान
पहचान
Shashi Mahajan
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
gurudeenverma198
राहों में
राहों में
हिमांशु Kulshrestha
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
Phool gufran
Loading...