एक शेर
एक शेर
————————————————–
दिखावे के लिए चाहो तो कोई एक दिन रख लो
मौहब्बत का यों वरना खास दिन कोई नहीं होता
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश, रामपुर
एक शेर
————————————————–
दिखावे के लिए चाहो तो कोई एक दिन रख लो
मौहब्बत का यों वरना खास दिन कोई नहीं होता
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश, रामपुर