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अभिनव अदम्य
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19 Jun 2021 · 1 min read
एक शेर पेश ए ख़िदमत
उस गुलबदन कि याद में होते थे रतजगे
रहते थे बेकरार मुहब्बत के वास्ते।
अदम्य
Language:
Hindi
Tag:
कविता
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