जीवन मर्म
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ऑफ्टर रिटायरमेंट
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
भगवान भले ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, और चर्च में न मिलें
तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।
तेरे होने से ही तो घर, घर है
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
Janab hm log middle class log hai,
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
मन हर्षित है अनुरागमयी,इठलाए मौसम साथ कई।
* सुन्दर झुरमुट बांस के *