Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

एक शपथ

वृक्ष से मिला ये जीवन, वृक्ष हम बचाएंगे,
प्रण आज करते हैं, वृक्ष हम लगाएंगे।
वृक्ष ने दिया जो, जीवन कर्ज हम चुकाएंगे
रक्षा करेंगे वृक्ष फिर कभी न काटेंगे।
आज प्रण करते हैं वृक्ष हम लगाएंगे।
प्रण आज करते हैं, वृक्ष हम लगाएंगे।

अभिषेक सोनी
(एम०एससी०, बी०एड०)
ललितपर, उत्तर–प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 307 Views

You may also like these posts

पन्द्रह अगस्त
पन्द्रह अगस्त
राधेश्याम "रागी"
कविता की आलोचना में कविता
कविता की आलोचना में कविता
Dr MusafiR BaithA
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
इंजी. संजय श्रीवास्तव
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
लगाव का चिराग बुझता नहीं
लगाव का चिराग बुझता नहीं
Seema gupta,Alwar
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"सच का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
Manoj Mahato
നിലാവിന്റെ നീല വെളിച്ചത്തിൽ നിനെയും ചേർത്ത് പിടിച്ചൊരു യാത്ര
നിലാവിന്റെ നീല വെളിച്ചത്തിൽ നിനെയും ചേർത്ത് പിടിച്ചൊരു യാത്ര
Sreeraj
आगोश में रह कर भी पराया रहा
आगोश में रह कर भी पराया रहा
हरवंश हृदय
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*मेरे दिल में आ जाना*
*मेरे दिल में आ जाना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ग़ज़ल- जबसे निकला है बेवफा कोई
ग़ज़ल- जबसे निकला है बेवफा कोई
आकाश महेशपुरी
इतना दिन बाद मिले हो।
इतना दिन बाद मिले हो।
Rj Anand Prajapati
हर चढ़ते सूरज की शाम है,
हर चढ़ते सूरज की शाम है,
Lakhan Yadav
मेरा साया ही
मेरा साया ही
Atul "Krishn"
अनहद नाद
अनहद नाद
मनोज कर्ण
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
आर.एस. 'प्रीतम'
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
Buddha Prakash
कौन रिश्ता कैसा रिश्ता
कौन रिश्ता कैसा रिश्ता
Sudhir srivastava
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
अपराध छोटा हो या बड़ा
अपराध छोटा हो या बड़ा
Sonam Puneet Dubey
चाहे जिसको नोचते,
चाहे जिसको नोचते,
sushil sarna
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3189.*पूर्णिका*
3189.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुनिया में कुछ भी बदलने के लिए हमें Magic की जरूरत नहीं है,
दुनिया में कुछ भी बदलने के लिए हमें Magic की जरूरत नहीं है,
Sunil Maheshwari
नेता जी
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
आओ सजन प्यारे
आओ सजन प्यारे
Pratibha Pandey
वादा
वादा
Ruchi Sharma
Loading...