एक विडम्बना
परेशान इन्सान
रसातल में जाती
इन्सानियत
दुषित पर्यावरण
फैलता प्रदूषण
हर जगह भीड़
बढती मंहगाई
विदेशों का चस्का
उपेक्षित माता पिता
भरते वॄध्दाश्रम
खाली होते गाँव
पलायन शहर
कम होते पशुधन
मिलावट जमाखोरी
आखिर है कौन
जिम्मेदार
इन हालातों का
इन्सान और
सिर्फ इन्सान
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल