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26 Jun 2018 · 1 min read

एक वक्त

आज फिर से तुम याद आये हो,
बे वजह इतना क्यों मुस्कुराते हो ,
हाँ, तुमसे मिले अरसा हो गया है ,
पर सामने आने पर इतना क्यू घबराते हो ,
शायद ! हमारा मिलना कोई इत्तेफाक तो नहीं था ,
जो तुम बिन कहे चले गए !
कुछ तो कहा होता , अपनी मज़बूरी को बयां तो किया होता,
शायद! तुम मुझे कुछ बताना नहीं चाहते थे
अपनी ख़ामोशी का जिक्र नहीं करना चाहते थे
तुम्हारे जाने से बहुत कुछ अधुरा सा रह गया, बहुत कुछ छुट सा गया
खैर ! इस दोस्ती में जितना साथ था उतना ही सही
इस दोस्ती में अब वो बात नहीं, क्यूंकि इस दोस्ती में तेरी और मेरी मुलाकात नहीं

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 485 Views
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