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1 Jan 2025 · 1 min read

एक वक्त आएगा, जब सब कुछ बेजान सा हो जाएगा … ये हंसने वाला

एक वक्त आएगा, जब सब कुछ बेजान सा हो जाएगा … ये हंसने वाला चेहरा एक दिन मेहमान सा हो जाएगा !! चलते चलते ये पांव कहीं दूर मंजिल पर ठहरकर ठहर जाएंगे ये कदम जब कोई सच में इंसान सा हो जाएगा !!

ये लोगों की बातें, एक तरफ से ताने दोस्तों की गलियों के रास्ते पुराने दुनिया से अनजान थे। पागल सा लड़‌का जब गुमनाम सा हो जाएगा !!

देख लेना एक दिन वह दौर भी आएगा तुम रोकर भी नहीं रो पाओगे मन तूफान सा हो जाएगा !

सब कुछ एक पल में बिखर जाए‌गा और हर मंजर सूनसान सा हो जाएगा लब’ सब कुछ बेजान’ सा हो जाएगा” !!

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