एक लेखक के अंतर्मन की आवाज
: जमाने में आए हो तो जीने का हुनर भी सीख लो दोस्तों क्योंकि दुश्मनों से कोई खतरा नहीं बस अपनो पे नजर रखना
छोड़ तो सकता हूँ,मगर..छोड़ नहीं पाता उसे,वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई..आदत की तरह है…
?।।जिओ मेरे यारो।। ?
लेखक अर्जुन सिंह
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