एक रोटी
एक रोटी
एक रोटी
जो कल शाम की
रोटीदान में रखी थी
जो गली से कुत्ता आया
रोटीदान को तोड़
रोटी उठा ले गया
अब इंतजार है
रोटी कहां से पैदा करें
घर में दो चीज़ है
एक मैं और एक रोटीदान
मेरे बच्चों की निगाह
उस कुत्ते की तरफ
जो शाम की बची रोटी ले गया
का गया
बच्चों की उदासीनता
देखी नहीं जाती
क्या करें….।
©
खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड़ तहसील गोहाना सोनीपत हरियाणा