मंजिल तू, राह मैं
मंजिल तू, राह मैं
समंदर तू, प्यास मैं
अक्स तू, आईना मैं
कागज़ तू, कलम मैं
तस्सवुर तू, ख्याल मैं
हकीकत तू, एहसास मैं
मांझी तू, दरिया मैं
कश्ती तू, पतवार मैं
जज़ा तू, रिजा मैं
असर तू, दुआ मैं
आग तू, पतंगा मैं
बिन तेरे, अधुरी मैं।
– सुमन मीना (अदिति)