एक मुक्तक –आर के रस्तोगी
“बगैर कहे पहले से ही ये नजरे बोल देती है
तुम्हारे आने से पहले दिल के द्वार खोल देती हे
बस तुम आ जाओ,और न इंतजार कराओ
समझ जाओ ये घड़ियाँ कितनी अनमोल होती है’
आर के रस्तोगी
“बगैर कहे पहले से ही ये नजरे बोल देती है
तुम्हारे आने से पहले दिल के द्वार खोल देती हे
बस तुम आ जाओ,और न इंतजार कराओ
समझ जाओ ये घड़ियाँ कितनी अनमोल होती है’
आर के रस्तोगी