एक बेटी बेटी से बहू बनने जा रही है
किसी के आंगन की चिड़िया आज किसी और के आंगन को चहकाने जा रही है
आज एक बेटी ,बेटी से बहु बनने जा रही है
जो अपनी मांबाबा की गुड़िया वह शान हुआ करती थी वह आज किसीऔर का मान बनने जा रही है
आज एक बेटी, बेटी से बहु बनने जा रही है
खुद का जो अपना एक वजूद बनाया उसे भुला कर किसी और की नहीं पहचान बनने जा रही है
आज एक बेटी, बेटी से बहु बनने जा रही है
आजाद पंखों से जो बेफिक्र उड़ा करतीथी आज वह जिम्मेदारी लेने जा रही है
आज एक बेटी ,बेटी से बहु बनने जा रही है
आज वह हर बचपना छोड़ उस घरके हररिश्ते को निभाने जारही है
आज एक बेटी ,बेटी से बहु बनने जा रही है!
** नीतू गुप्ता