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1 Jun 2024 · 1 min read

एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,

एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
क्या मालूम कितने मुसाफ़िरों को राह-गुज़र बन मंज़िल दिखाई होगी

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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