एक बुद्धिमान बालक
एक समय की बात है की राजा अपने मंत्रियों के साथ बैठा हुआ था। तभी राजा ने मंत्रियों से पूछा कि अपने राज्य में कितने बुद्धिमान लोग निवास करते हैं। तब मंत्रियों ने राजा से कहा कि साहब अपने राज्य में इस बात का पता लगाने के लिए हमें कोई प्रतियोगिता का आयोजन कराना होगा। तभी राजा ने कहा कैसी प्रतियोगिता।? मंत्रियों ने कहा हमें यह प्रोग्राम बनाना होगा राज्य में बुद्धिमान लोग कितने हैं ? राजा ने मंत्रियों से कहा कि ,आप मुझे उस प्रतियोगिता का प्रारुप तैयार कर मुझे बताया जाये। अगले ही दिन मंत्रियों ने प्रतियोगिता का प्रारुप तैयार कर राजा
के सामने पेश कर दिया।तब राजा ने मंत्रियों को हिदायत दी कि,
वह समस्त राज में घोषणा कर दी जाये।कि हमारे देश में एक, प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
जो इन प्रशनो का सही जवाब देगा, उसे पांच हजार मुहरें ईनाम में दी जायेगी।प्रशन कौन कौन से होंगें ? ०१__ आसमान को कौन छू सकता है? ०२__ धरती की परिक्रमा कौन लगा सकता है।
राजा साहब ने मंत्रियों से कहा कि,आप दिन और समय निश्चित करें। और प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना चाहिए। अगले ही दिन सारे राज में घोषणा की गई।कल हमारे राज्य में बुद्धिमता परखने की एक प्रतियोगिता
रखी गई है। अगले ही दिन राज्य के सभागार में सारे लोग एकत्रित हो गए। प्रतियोगिता शुरू की गई। घोषणा पत्र पढ़ा गया।
मंत्रियों ने कहा कोई भी व्यक्ति इन प्रशनो का सही जवाब देगा उसे पांच हजार मुहरें ईनाम में दी जायेगी। एक शर्त भी रखी गई थी,कि दो प्रशनो में से एक प्रशन का भी सही जवाब देने पर भी ,
उसे वही ईनाम दिया जायेगा।तब राजा ने कहा प्रतियोगिता शुरू की जाये। लेकिन किसी ने भी एक भी प्रशन का जवाब नही दे पाते! उस दिन प्रतियोगिता स्तगित कर दी गई।
अगले दिन फिर प्रतियोगिता शुरू हुई इस बार बहुत सारे लोग एकत्रित हुए ।उन में एक बालक भी जयअपने पिता के साथ देखने आया हुआ था। जैसे ही प्रतियोगिता शुरू हुई थी ,कि वही हाल हुआ कि , कोई भी उन प्रशनो का सही जवाब नही दे पाया। तभी उस बालक ने जोर की आवाज दी,कि मैं इन प्रशनो का उत्तर देता हूं।सभी लोग अचंभे में पड़ गये।तब राजा साहब ने उस बालक को बुलाया। और उससे पूछा कि आप इन प्रशनो के उत्तर देंगे।
बालक ने कहा जी , में इन प्रशनो का सही जवाब देगा। राजा ने कहा कि आप आसमान कैसे छुयोगे।बालक का जवाब था, मैं अभी कक्षा आठ में पढ़ रहा हूं।मेरी उम्र सोलह साल की है। आसमान छूने का मतलब है कि आप ऊंचाइयों को छू सकते हो।
मैं अभी सारी ऊंचाईयों को छूने का मौका है। राजा साहब उस बालक की बात सुन कर बहुत खुश हुए। बालक को पांच हजार मुहरें ईनाम में दी गई। और राजा साहब ने उसके साथ पढ़ाई का
खर्च उठाने की घोषणा की।