एक बात!
एक बात पूछनी थी तुमसे
डरता हूँ कहीं तुम नाराज़ तो नहीं होगी
बला की खूबसूरत हो तुम
तुम्हारे हुस्न की बात तो होती ही होगी
बताने की ज़हमत उठाओगी क्या
छुपाओ नहीं कोई बात खास तो होगी
आज क्यों इतना इतरा रही हो
उसकी वजह कोई आम तो नहीं होगी
यूँही बेवजह कोई नहीं मुस्कराता
धड़कनों में कोई आवाज़ बसी तो होगी
माना हज़ारों चाहने वाले हैं तुम्हारे
बसी दिल में तस्वीर कोई ख़ास तो होगी
क्या पूछ सकता हूँ कौन है वो
ग़र वो मैं हूँ बात बड़े ही एजाज़ की होगी!