एक बात
कहानियां कविताएं लिखना उसे भी पसंद था, और मुझे भी l सांझ का घूमना उसे भी पसंद था, मुझे भी l हर सांझ हम तालाब किनारे पगडंडी वाले कच्चे रास्ते से होकर बाते करते हुए उस पहाड़ी वाले माता के मंदिर जाया करते थे । उसके ख्वाबों की उड़ाने बहुत ऊंची थी । और मैं उसकी इन बातों को लड़कपन का मज़ाक,और बेतुकी बातें समझता था । वो आसमान में एरोप्लेन को देखकर हमेशा कहती थी , देखना एक दिन दुनिया घुमुंगी में I पता है अब मैडम एयरहोस्टेज है, एक मुल्क से दूसरे मुल्क का सफर तय किया करती है ।
और मैं अपने ही शहर का पटवारी । वो अपने ख्वाबों के लिए अपनों से लड़ गई , और मैं खुद की ज़िद भी पूरी नहीं कर पाया । फोन करती है अक्सर इस दौड़ती हुई जिंदगी से कुछ पल मेरे लिए हमेशा बचा के रखती है ।
आज बर्थडे है उसका ।
फोन मिला रहा हूं ।