Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2023 · 1 min read

एक पुरानी नज़्म पढ़ी आज—

एक पुरानी नज़्म पढ़ी आज,
अपनी ही नज़्म
अपने ही अश’आर।

सोचता रहा घड़ी भर
कि,
कितना प्रेम किया होगा,
तुमसे मैंने,
तुम्हें यूं ही तो
पीली सरसों की चादर सा
न कहा होगा
तुम्हें यूं ही तो
चाँदनी रातों में
निस्पर्श निहारा होगा।

आज भी,
जब तुम याद आती हो
हिन्दी-उर्दू सी साथ महकती हो,
जैसे मेरी कलम
एकल ज़बान में लिख नहीं सकती
कोई कविता
अकेले कुछ कह नहीं सकती।
इधर देखा कि,
कुछ सफ़ेद हो आए हैं
गेसू तुम्हारे,
कुछ कम बोलने लगी हो
शोख़ियाँ कम हुई हैं नज़रों में,
होंठ बिना रंगे
ज़्यादा सुर्ख़ लगने लगे हैं
मुस्कान जैसे,
हसीं अफ़साने कहने को आतुर हैं।
एक पुरानी नज़्म पढ़ी आज….
-श्रीधर

35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shreedhar
View all
You may also like:
"मगर"
Dr. Kishan tandon kranti
कलम लिख दे।
कलम लिख दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
Shubham Pandey (S P)
होठों को रख कर मौन
होठों को रख कर मौन
हिमांशु Kulshrestha
आंखों की भाषा
आंखों की भाषा
Mukesh Kumar Sonkar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
This Love That Feels Right!
This Love That Feels Right!
R. H. SRIDEVI
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
शेखर सिंह
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
manjula chauhan
प्रेरणा - एक विचार
प्रेरणा - एक विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
Shweta Soni
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
आर.एस. 'प्रीतम'
पंचम के संगीत पर,
पंचम के संगीत पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Men are just like books. Many will judge the cover some will
Men are just like books. Many will judge the cover some will
पूर्वार्थ
चाहत में उसकी राह में यूं ही खड़े रहे।
चाहत में उसकी राह में यूं ही खड़े रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
Shankar N aanjna
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
Ranjeet kumar patre
मेरे राम
मेरे राम
Ajay Mishra
बेफिक्री की उम्र बचपन
बेफिक्री की उम्र बचपन
Dr Parveen Thakur
गीत
गीत
Pankaj Bindas
गुज़रा हुआ वक्त
गुज़रा हुआ वक्त
Surinder blackpen
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
शहर में बिखरी है सनसनी सी ,
Manju sagar
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
Sanjay ' शून्य'
मां
मां
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...