एक पल हॅंसता हुआ आता है
एक पल हॅंसता हुआ आता है
बेशुमार खुशियाॅं दे जाता है,
अगला ही पल चुपके से आकर
ग़म का सागर दिखला जाता है,
जीवन का अद्भुत ये खेल निराला
किसी की समझ में नहीं आता है,
उठापटक से मैं नहीं घबरानेवाला,
सुख-दुःख ही तो है जीवन का सार,
चुनौतियों से जूझता हुआ जो बढ़ता
वही एक दिन सही मुकाम पाता है।
…. अजित कर्ण ✍️