Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2024 · 1 min read

एक पल हॅंसता हुआ आता है

एक पल हॅंसता हुआ आता है
बेशुमार खुशियाॅं दे जाता है,
अगला ही पल चुपके से आकर
ग़म का सागर दिखला जाता है,
जीवन का अद्भुत ये खेल निराला
किसी की समझ में नहीं आता है,
उठापटक से मैं नहीं घबरानेवाला,
सुख-दुःख ही तो है जीवन का सार,
चुनौतियों से जूझता हुआ जो बढ़ता
वही एक दिन सही मुकाम पाता है।
…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 32 Views

You may also like these posts

🙌🍀🪧 You can seem like a millionaire
🙌🍀🪧 You can seem like a millionaire
पूर्वार्थ
दो-दो कुल की मर्यादा हो...
दो-दो कुल की मर्यादा हो...
आकाश महेशपुरी
भांति भांति जिन्दगी
भांति भांति जिन्दगी
Ragini Kumari
"संगीत"
Dr. Kishan tandon kranti
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
कहाँ लिखूँ कैसे लिखूँ ,
sushil sarna
*रिश्तों मे गहरी उलझन है*
*रिश्तों मे गहरी उलझन है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रास्ता दो तो हम भी चार कदम आगे बढ़ें...
रास्ता दो तो हम भी चार कदम आगे बढ़ें...
Shweta Soni
विषय- #जो_जैसा_है_उसे_वैसा_ही_अपना_लो_रिश्ते_निभाने_आसान_हो_जाएंगे।
विषय- #जो_जैसा_है_उसे_वैसा_ही_अपना_लो_रिश्ते_निभाने_आसान_हो_जाएंगे।
Sonam Puneet Dubey
अभिषापित प्रेम
अभिषापित प्रेम
दीपक झा रुद्रा
Introduction
Introduction
Adha Deshwal
*खुशी लेकर चली आए, सभी के द्वार दीवाली (हिंदी गजल)*
*खुशी लेकर चली आए, सभी के द्वार दीवाली (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कुछ बातें पुरानी
कुछ बातें पुरानी
PRATIK JANGID
*मुर्गा की बलि*
*मुर्गा की बलि*
Dushyant Kumar
आग का जन्म घर्षण से होता है, मक्खन का जन्म दूध को मथने से हो
आग का जन्म घर्षण से होता है, मक्खन का जन्म दूध को मथने से हो
Rj Anand Prajapati
एक सत्य मेरा भी
एक सत्य मेरा भी
Kirtika Namdev
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
gurudeenverma198
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
DrLakshman Jha Parimal
DR Arun Kumar shastri
DR Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Laxmi Narayan Gupta
महिमा है सतनाम की
महिमा है सतनाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
Abhishek Soni
आज आंखों में
आज आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
मेरा वजूद
मेरा वजूद
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
शिक़ायत है, एक नई ग़ज़ल, विनीत सिंह शायर
शिक़ायत है, एक नई ग़ज़ल, विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
सुन रे कन्हैया
सुन रे कन्हैया
Dr.sima
परिवर्तन
परिवर्तन
Ruchi Sharma
गम में वह कुवत है कि,
गम में वह कुवत है कि,
TAMANNA BILASPURI
Loading...