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13 Aug 2021 · 1 min read

एक परछाई की तरह

जिन्दगी में
कुछ लोग मेरे साथ हैं
एक परछाई की तरह
वह सच में ही एक परछाई हैं
जैसे परछाई
साथ साथ तो चलती है पर
न बोलती है
न कुछ सुनती है
न देखती है
न कोई सलाह देती है
न प्यार करती है
न बेवफाई करती है
न विश्वास करने लायक है
न ठुकराने लायक है
न पास आती
न दूर जाती
न हंसती
न रोती
न उसे गले लगा सकते
न खुद से उसे जुदा कर सकते हैं
बस ऐसे ही होते हैं
कुछ लोग भी
यूं तो साथ चलते रहते हैं
उम्र भर पर
कहीं भी एक पल के लिये
कोई वादा पूरा करते नहीं
कहीं कुछ काम आते नहीं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
460 Views
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