एक परछाई की तरह
जिन्दगी में
कुछ लोग मेरे साथ हैं
एक परछाई की तरह
वह सच में ही एक परछाई हैं
जैसे परछाई
साथ साथ तो चलती है पर
न बोलती है
न कुछ सुनती है
न देखती है
न कोई सलाह देती है
न प्यार करती है
न बेवफाई करती है
न विश्वास करने लायक है
न ठुकराने लायक है
न पास आती
न दूर जाती
न हंसती
न रोती
न उसे गले लगा सकते
न खुद से उसे जुदा कर सकते हैं
बस ऐसे ही होते हैं
कुछ लोग भी
यूं तो साथ चलते रहते हैं
उम्र भर पर
कहीं भी एक पल के लिये
कोई वादा पूरा करते नहीं
कहीं कुछ काम आते नहीं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001