Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2022 · 2 min read

एक पत्र बच्चों के लिए

बोलती
*लिखता तुमको यह पत्र, एक उम्र बाद, बूढ़े बच्चे बन जाते हैं
और बच्चे पेरेंट्स बन, वही भूमिका परवरिश निभाते हैं।
*तुम दोनों हैं जन्म से साथ, जीवन में दो और बच्चे जुड़ गए
परिवार जुड़ कर हमारे घर का अभिन्न हिस्सा बन गए।
*कुछ कमियां… तो रह ही जाती, मैं भी तो था पिता नौसिखिया नया नया
आज मैं बच्चों से सॉरी…बोलना चाहूं, समझूं तुमने माफ किया।
*उम्र के उस दौर में हैं, जब कहते कि, फिर से बच्चा बन जाते हैं।
या अड़ियल, खड़ूस जो हमेशा खुद को ही सही ठहराते हैं।
*दिल तो बच्चा है जी……. अब तुम मुझे बच्चा ही समझना।
और तुम बच्चे! … मेरे मातापिता, इसी तरह व्यवहार करना।
*हो सकता है कि मैं छोटे बच्चे की तरह खाते, पहनते समय कुछ गिरा दूं
या सब्र ना कर पाऊं, कहीं जाते वक्त उतावला हो जाऊं
*धैर्य से पेश आना,गुजारिश है,अगर कभी सामंजस्य ना बिठा पाऊं
मुझ पर खीझना भी नहीं, उम्र के साथ याददाश्त भूलने लग जाऊं
*या अच्छी तरह से उठ बैठ नहीं पाऊं तो तुम झुंझलाना भी नहीं।
और तुम मेरे साथ बैठ कर … दो मिनट बात करोगे, भागना भी नहीं।
*यही सबसे बड़ी … खुशी भी होगी, उम्र की परिपक्वता ने समझा दिया
हमने सदा तुम्हें अपना the best देने का प्रयत्न ही किया।
*हो सकता है मैं और तुम्हारी मां समय के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पाएं,
और एक दिन ऐसा आए कि चलने से मजबूर कभी शरीर से भी लाचार हो जाएं
*तो तुम चार कदम साथ जरूर चलना, यही मेरी सबसे बड़ी पूंजी होगा।
एक उम्र के बाद समय व्यतीत करना, वाकई बहुत मुश्किल होगा
*मरने की बातें करने लगें, इन सब बातों से तुम परेशान नहीं होना।
यह भी जिंदगी का हिस्सा है…उसी की तैयारी, तुम तैयार रहना।
*Be brave…. उम्र का यह पड़ाव, तुम्हारी मुस्कुराहट ही हमारा सहारा है।
वृद्धजन बोझ नहीं, ज्ञान का भंडार, अमूल्य निधि सम्मान तुम्हारा है।
___ तुम्हारा वृद्ध पिता

3 Likes · 2 Comments · 1136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manu Vashistha
View all
You may also like:
4216💐 *पूर्णिका* 💐
4216💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अर्थ के बिना
अर्थ के बिना
Sonam Puneet Dubey
"नग्नता, सुंदरता नहीं कुरूपता है ll
Rituraj shivem verma
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
राम तुम्हारे नहीं हैं
राम तुम्हारे नहीं हैं
Harinarayan Tanha
पर्वत दे जाते हैं
पर्वत दे जाते हैं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
**ग़ज़ल: पापा के नाम**
**ग़ज़ल: पापा के नाम**
Dr Mukesh 'Aseemit'
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"" *वाङमयं तप उच्यते* '"
सुनीलानंद महंत
Feelings of love
Feelings of love
Bidyadhar Mantry
..
..
*प्रणय*
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
3) “प्यार भरा ख़त”
3) “प्यार भरा ख़त”
Sapna Arora
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
Shashi kala vyas
दीवाली
दीवाली
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
இந்த உலகில்
இந்த உலகில்
Otteri Selvakumar
*वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी
*वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
"याद के काबिल"
Dr. Kishan tandon kranti
मिट्टी के परिधान सब,
मिट्टी के परिधान सब,
sushil sarna
World Tobacco Prohibition Day
World Tobacco Prohibition Day
Tushar Jagawat
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सफर जीवन का चलता रहे जैसे है चल रहा
सफर जीवन का चलता रहे जैसे है चल रहा
पूर्वार्थ
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
gurudeenverma198
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
Ranjeet kumar patre
याद रख कर तुझे दुआओं में ,
याद रख कर तुझे दुआओं में ,
Dr fauzia Naseem shad
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
Loading...