एक नज़र
एक नज़र देख कर ही पहचान जाता हूँ!
कौन क्या चीज़ हैं ये भी जान जाता हूँ!
दी हैं खुदा ने अज़ीब फ़नकारी मुझको!
ज़ुबा पर ज़हर कितना हैं जान जाता हूँ!
लगाना आग मेरी फितरत में हैं ही नही!
आग लगाने वाले को पहचान जाता हूँ!
ऐसा नही है कि मुझमे कोई ऐब नही है!
पर उनके फरेब को भी पहचान जाता हूँ!
रुठता हूँ तो मान जाता हूँ बिना मनाये ही!
आप के पास वक़्त नही ये जान जाता हूँ!
AnoopS©