एक नया सबेरा –आर के रस्तोगी
अगर शाखे रही तो,नये पत्ते भी आयेंगे |
ये दिन बुरे है तो, अच्छे दिन भी आयेंगे ||
कुछ दिन कट गये और दिन भी कट जायेंगे |
न्रया सबेरा आयेगा,धुंध के बादल छट जायेंगे ||
हर अँधेरी रात के बाद आता है नया प्रभात |
सूखे पत्ते के बाद आते है तरु पर नये पात ||
यही प्रकृति का नियम है,सदा चलता आ रहा |
मानव तू माटी का पुतला ,तू क्यों घबरा रहा ||
जन्म मृत्यु का यह नियम,यह भी एक विधान |
कोरोना की भी मृत्यु होगी,मत घबरा तू इंसान ||
बीत गया उसे भूल जा आगे का करो तुम ध्यान |
वर्तमान को ख़ुशी से जियो, मत हो तुम परेशान ||
कोरोना के बारे में मत सोचो, प्रभु का करो ध्यान |
प्रभु ही सब कुछ करेंगे,वे है आज सर्व शक्तिमान ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)