एक नया रास्ता
एक नया रास्ता
यह कहाँ ला दिया है,
जहाँ अंतरिक्ष सा अंधकार है,
आगे चमकता सूरज है,
तो पीछे काला संसार है।
दो कदम आगे बढ़ता हूँ तो
ऊष्मा साहस जला देती है,
पीछे की ओर मुड़ता हूँ तो
अधियारा मुझे गिरा देती है।
एक नए पथ का निर्माण
आज यहाँ मुझे करना होगा,
जहाँ अनुभवों के नुकीले पत्थरों से
ऊष्मा दिखा, इनसे लड़ना होगा।
– बिंदेश कुमार झा