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4 Feb 2019 · 2 min read

एक नया आगाज (गीत)

मस्त मस्त हवा का झोंका
आता रहे यूं ही रे
ऐसे ही धुन में हम
मस्त मस्त गाते रहें यूं ही रे

क्या करें और क्या न करें
खोए क्यों या पाएं क्यों
इसी कशमकश में बीत जाएगी
जिंदगानी हमारी यूं ही रे

मस्त मस्त हवा का झोंका
आता रहे यूं ही रे
ऐसे ही धुन में हम
मस्त मस्त गाते रहें यूं ही रे

लम्हों के निरंतर वेगों को
रोक भी पाया है कोई भला
इसी की आहोश में सदा
हम डूबे जाते यूं ही रे

मस्त मस्त हवा का झोंका
आता रहे यूं ही रे
ऐसे ही धुन में हम
मस्त मस्त गाते रहें यूं ही रे

ऐसे में गर वर्षा हो जाए
संगीत के सुरमयी तानों की
इसकी सरिता में बह जाएं
मन मुग्ध होकर यूं ही रे

मस्त मस्त हवा का झोंका
आता रहे यूं ही रे
ऐसे ही धुन में हम
मस्त मस्त गाते रहें यूं ही रे

हर पतझड़ के आने के साथ
बहारों को आवेग दिखाना ही है
भीनी-भीनी फूलों की खुशबू से
महकते रहे यूं ही रे

मस्त मस्त हवा का झोंका
आता रहे यूं ही रे
ऐसे ही धुन में हम
मस्त मस्त गाते रहें यूं ही रे

हरी भरी पावन बगिया में
भौरों का गुनगुनाना
पंछियों का चहकना भी
जरूरी है उपहास और उन्माद लिए
हम भी सुहाने मौसम का
लुत्फ उठाये यूं ही रे

मस्त मस्त हवा का झोंका
आता रहे यूं ही रे
ऐसे ही धुन में हम
मस्त मस्त गाते रहें यूं ही रे

ऐसे ही मनमोहक तर्ज पर
झंकारों की आवाज लिए
एक नये आगाज के साथ
जाएं हम अपनी डगर पर
सुर बिखेरते यूं ही रे

मस्त मस्त हवा का झोंका
आता रहे यूं ही रे
ऐसे ही धुन में हम
मस्त मस्त गाते रहें यूं ही रे

समस्त सम्माननीय पाठकों से निवेदन है कि आप अवश्य ही यह कविता पढ़िएगा एवं अपने विचार व्यक्त किजिएगा ।

धन्यवाद आपका

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 405 Views
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