एक दिन पूजते हैं।
एक दिन पूजता है! और सारी साल मारता है। कैसे कैसे व्यवहार करता है। क्या? ऐसा मानव कर सकता है। उसे युग परिवर्तन मान लिया करता है।कि हम विज्ञानी ,लक्ष्मी को मानते नही! आदेश देते हैं।कि मेरे घर आकर रहो।सारे दुख आकर मेरे हरो।हम सनातनी बनने का ढोंग करते हैं। दीपावली के दिन ही , गाय माता को पूजते हैं।