एक दिन।
एक दिन…..
सुन,
मेरे कान्हा की तुझपे इनायत हो ही जाएगी एक दिन।
जीस्त फिर हसीं मुहब्बत सी अदावत बन जाएगी एक दिन।
तू रखना नेकी अपने दिल में तेरी हर एक ख्वाहिश पूरी हो जाएगी एक दिन।
मैंने माना कि रात बहुत लंबी है,काली रात के बाद फिर से सुबह आएगी एक दिन।
न आस छोड़ और न उदास तू हो जिंदगी तुम्हें फिर से अपनाएगी एक दिन।
सुन, बहुत बड़ा कलाकार है वो परायों को भी तेरा अपना बनाएगा एक दिन।
सूरज उगता है हर रात के बाद सुमधुर प्रभात खिलता है
अमावस्या भी पूर्णिमा सी खिल ही जाएगी एक दिन।
जिंदगी फिर से खिलखिलाएगी एक दिन।
तू करता जा कर्म पूरी निष्ठा से, भाग्य रेखा सुधर ही जाएगी एक दिन।
सुन,पूरी दुनिया तुम्हारे कदमों में खुद ब खुद झुक ही जाएगी एक दिन।
हां ये सच है, जिंदगी हमसे नाता तोड़ जाएगी एक दिन।
पर जो लिखें हैं खुशियों संग उमंगों के गीत विधाता ने
पहले वो सभी गीत गाए-गुनगुनाएगी एक दिन।
नीलम न मायूस होकर दिल तू जला, खुशियां तुझको भी रास आएंगी एक दिन।
नीलम शर्मा