एक तानसेन तो तुझको भी है
एक तानसेन तो तुझको भी है
कभी कभी वो भी गाता है
मीठे राग मिलन के
मन का वादक ये कहता है
मन का मित कहा रहता है
संगीत बनेगी तन से
कह रहा कर मृदंग शहनाई
आज मिलन की प्यास बधाई
अब नव अंकुर प्रेम धन से
एक तानसेन तो तुझको भी है
कभी कभी वो भी गाता है
मीठे राग मिलन के
मन का वादक ये कहता है
मन का मित कहा रहता है
संगीत बनेगी तन से
कह रहा कर मृदंग शहनाई
आज मिलन की प्यास बधाई
अब नव अंकुर प्रेम धन से