एक तरफ
तेरी रौनक एक तरफ है सारा गुलशन एक तरफ।
सारे मंजर एक तरफ है तेरा यौवन एक तरफ।
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चारों तरफ से घेर लिया है अब तो जि़म्मेदारी ने।
सारा जीवन एक तरफ है लेकिन बचपन एक तरफ।
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पाई पाई खूब जुटाए लेकिन अब एहसास हुआ।
प्यार का लम्हा एक तरफ है सारा जीवन एक तरफ।
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सारे प्यार की सीमा है,सबकी अद्भुत मर्यादा है।
प्यार सभी वंदनीय लेकिन मां का वंदन एक तरफ।
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प्यार का तेरे हर एक लम्हा,लगता मुझे नशीला है।
सारे दुख सुख एक तरफ,आलिंगन तेरा एक तरफ।
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उसकी शोखी,सभी अदाएं मुझको भोली लगती है।
“सगीर” सिमट कर आलिंगन में उसका चुम्बन एक तरफ।