Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2019 · 1 min read

एक चिन्ता पर्यावरण की

सोहन रेल से अपने पापा के साथ लखनऊ जा रहा था , रात हो गयी थी सब लोग सो गये थे लेकिन सोहन खिड़की के पास बैठा बाहर देख रहा था । चाँद उसके साथ साथ चल रहा था , रास्ते में कही नदी पड़ती तो कहीं पेड़ थे । वह देख रहा था नदी सिमटती जा रही है , उसके आसपास पोलीथिन और गंदगी भरी थी । इसी तरह बहुत सारे पेड़ो को काट दिया गया तो
कई सूख रहे थे और अपना दर्द बयां कर रहे थे ।
उसका बाल मन सोचने लगा अगर यही हालात रहे तो आने वाले समय में मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा ।
उसने संकल्प लिया वह अपने दोस्तों के साथ पर्यावरण बचाने और शुद्ध प्रदूषण रखने के लिए काम करेगा ।
तभी सोहन के पापा जाग गये ।
सोहन ने अपनी चिंता और बात पापा को बताई , तब पापा ने भी सोहन का साथ देने का कहा ।
एक से एक हाथ जोड़ते हुए आज उन्होंने एक स्वयं सेवी संस्था बना और सतत् काम रहे है । इन्हें पुरस्कार भी मिला है ।

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3176.*पूर्णिका*
3176.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
... सच्चे मीत
... सच्चे मीत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
Shweta Soni
* हो जाता ओझल *
* हो जाता ओझल *
surenderpal vaidya
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
SPK Sachin Lodhi
■ लघुकथा / लेखिका
■ लघुकथा / लेखिका
*Author प्रणय प्रभात*
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
महिला दिवस
महिला दिवस
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Neeraj Agarwal
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
कवि रमेशराज
पहला श्लोक ( भगवत गीता )
पहला श्लोक ( भगवत गीता )
Bhupendra Rawat
मर्द का दर्द
मर्द का दर्द
Anil chobisa
हासिल नहीं था
हासिल नहीं था
Dr fauzia Naseem shad
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
Anand Kumar
-- फिर हो गयी हत्या --
-- फिर हो गयी हत्या --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नियम, मर्यादा
नियम, मर्यादा
DrLakshman Jha Parimal
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
Kanchan Khanna
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
shabina. Naaz
माता के नौ रूप
माता के नौ रूप
Dr. Sunita Singh
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
" सूरज "
Dr. Kishan tandon kranti
abhinandan
abhinandan
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*वशिष्ठ (कुंडलिया)*
*वशिष्ठ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहे- चार क़दम
दोहे- चार क़दम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आँखों से काजल चुरा,
आँखों से काजल चुरा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जब तुम हारने लग जाना,तो ध्यान करना कि,
जब तुम हारने लग जाना,तो ध्यान करना कि,
पूर्वार्थ
मजबूरियां थी कुछ हमारी
मजबूरियां थी कुछ हमारी
gurudeenverma198
नाम के अनुरूप यहाँ, करे न कोई काम।
नाम के अनुरूप यहाँ, करे न कोई काम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मत रो मां
मत रो मां
Shekhar Chandra Mitra
कोतवाली
कोतवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...