एक चिंतन
न तू भगवान है ,
न मैं हूँ खुदा ।
न तू कोई गैर है ,
न मैं हूँ जुदा ।
रच लिया इंसान ने ,
कर दिया जुदा ।
चल चलें दूर कहीं ,
न हो ईश कोई,
न हो कोई ख़ुदा ।
रहे बस साथ यूँ ही ,
न तू अलग ,
न मैं जुदा ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”@..
न तू भगवान है ,
न मैं हूँ खुदा ।
न तू कोई गैर है ,
न मैं हूँ जुदा ।
रच लिया इंसान ने ,
कर दिया जुदा ।
चल चलें दूर कहीं ,
न हो ईश कोई,
न हो कोई ख़ुदा ।
रहे बस साथ यूँ ही ,
न तू अलग ,
न मैं जुदा ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”@..